The smart Trick of हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे That Nobody is Discussing



क्या पीलिया रोग में हल्दी खानी चाहिए या नहीं? आयुर्वेद में पीलिया के इलाज में हल्दी को रामबाण बताया गया है। आप इसे कई तरह से प्रयोग कर सकते हैं। पीलिया में मट्ठा के साथ हल्दी का सेवन बेहद लाभकारी माना गया है।

हल्दी में एंटी कैंसर इफेक्ट होता है । जो कैंसर के सेल को खत्म करता है । इससे पेट का कैंसर ब्रेस्ट कैंसर आदि में फायदा हो जाता है ।

हल्दी में रोपण एवं शोथहर गुण होने के कारण यह हर प्रकार के घाव को भरने एवं उसकी सूजन आदि को भी ठीक करने में सहयोगी होती है। 

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मुँहासों से छुटकारा पाने में भी हल्दी के फायदे देखे गए है। त्वचा में अधिक तेल की उत्पत्ति होने के कारण मुँहासे निकलने लगते हैं। ऐसे में हल्दी के रूक्ष गुण के कारण यह इस तेल को सोक कर मुँहासों को छुटकारा दिलाने में लाभ पहुंचाती है साथ ही त्वगदोषहर गुण होने के कारण त्वचा के रोगों को दूर रखने में भी उपयोगी होती है।

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अगर हल्दी में मेटानिल येलो मिला हुआ हो तो यह स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है इसे एसिड येलो भी कहते है। इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से मेटानिल पीला कैंसर और तंत्रिका संबंधी क्षति हो सकती है।

हल्दी बहुत सी पाचन तंत्र की समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है। यही कारण है कि इसे एक महत्वपूर्ण मसाले के रूप में हर घर में उपयोग किया जाता है। यह एक शक्तिशाली एंटीसेप्टिक हैं जो आंत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और पेट के अल्सर और कोलाइटिस को ठीक करता है। यह बेहतर पाचन में मदद करती है और अल्सर, दस्त, अपच आदि को रोकती है। हल्दी पित्त के प्रवाह को बढ़ाती है, जो वसा पाचन में मदद करता है। भूख और अपचन का इलाज हल्दी वाला दूध पिने से किया जा सकता है।

कच्ची हल्दी में करक्यूमिन तत्व पाए जाते है जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को बढ़ने से रोकते है। कच्ची हल्दी में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते है। कच्ची हल्दी पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर और महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर को कम करने में सहायक होती है। इस बात पर ध्यान देना जरुरी है की कच्ची हल्दी से कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है लेकिन इसे कैंसर का इलाज नहीं कह सकते।

हल्दी का सेवन कम मात्रा में शुरू करके धीरे धीरे बढ़ाना चाहिए और लम्बे समय तक उपयोग करना लाभदायक होता है। एक समय में दो चम्मच से अधिक हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए।

पिसी हुई हल्दी को तवे पर अच्छी तरह सेंक लीजिए फिर इस सिकी हुई हल्दी से रोज़ाना सुबह मंजन करें इससे दांत मजबूत होते हैं और हिलना रूक जाते हैं।

अमूमन हमें हल्दी का सेवन नियमित मात्रा में करना चाहिए। कहा गया है कि रोजाना एक छोटे चम्मच हल्दी का सेवन हमारे लिए सही है। कुछ भी सीमा से ज्यादा हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसकी अधिकता खराब पेट, जी मिचलाने और डिजीनेस का कारण बन सकता है। हल्दी के सप्लीमेंट्स या कैप्सूल तो बिना चिकित्सकीय परामर्श के लेने ही नहीं लेना चाहिए। बेहतर तो यह होगा कि आप हल्दी का सेवन उसके प्राकृतिक रूप में ही करें।

कई शोध बताते हैं कि हल्दी में निहित सक्रिय घटक ट्यूमर/कैंसर के खिलाफ रक्षा प्रदान करने वाले आहारों में से एक है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन शरीर में कैंसर के विकास को रोकता है। करक्यूमिन कैंसर से लड़ता है और कीमोथेरेपी के प्रभाव को भी बढ़ाने में मदद करता है। यदि इसे काली मिर्च के साथ मिला दिया जाए तो इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है। 

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